यह गाँव जीन्द मुख्यालय से पांच कि०मी० जीन्द - भिवानी रोड़ पर स्थित है | विक्रमी सम्वत् 1600 सन् 1543 में भिन्न- 2 गोत्रिय जनों द्वारा आवासित इस गाँव की कहानी बड़ी दिलचस्प है। किंवदन्ती है कि इस गाँव का नामकरण घी की मशहूरी के कारण घीमाणा पड़ा । महला गोत्र के बुजुर्ग श्री रामफल से प्राप्त जानकारी के अनुसार महला गोत्र का एक पूर्वज राजस्थान से चलकर पहले गाँव कोहला (तहसील गोहाना) में आकर बसा तत्पश्चात् परिस्थितिवश वहां से पलायन कर गाँव घीमाणा में खेड़ा आबाद करने में अन्य गोत्रिय जन के साथ सम्मिलित होकर यहां बस गया। आज पुष्ट प्रमाण है कि इस गाँव में जाटों के चार पाने (खोखर, कालीरामण, महला व कैन्दल) गोत्रों पर आधारित हैं। महला गोत्रिय जनों में नम्बरदारी भी प्रारम्भ से चली आती है। वर्तमान में लगभग महला गोत्र के 50 घर आबाद हैं। श्री रामफल नम्बरदार महला गोत्र का पंचायती व समाजसेवी व्यक्ति हैं। शहीद लॉस नायक आशीष महला (राज राईफल ) 1999 में कारगिल में शहीद हुआ । गोत्र को उन पर गर्व है व उनको नमन करता है ।
1. श्री रामफल नम्बरदार 9813141030
2. श्री अमन सिंह महला 981266881,9812930006