यह गाँव बहि भाटों की पोथी अनुसार ताहर की सन्तान परम्परा में दादा हरबख्स के पुत्र दादा देईराम ढ़ाण्डा नम्बरदार ने विक्रमी सम्वत् 1891 सन् 1834 में गाँव मिर्चपुर से आकर आबाद किया। गाँव के बुजुर्ग लोगों का भी ऐसा ही मानना है कि आज से लगभग 200 वर्ष पूर्व यह गांव बसा था । ढ़ाण्डा जन इस गांव के खेड़ापति हैं। गाँव में सभी जातियों के लोग प्यार से रहते हैं।
1. डॉ0 रमेश लाल ढ़ाण्डा, प्रधानाचार्य डी०ए०वी० कॉलेज ।
2. डॉ0 नीलम ढ़ाण्डा, प्रोफेसर कॉमर्स विभाग कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र ।
3. मेजर पुनीत ढ़ाण्डा ।
4. डॉ0 कर्मबीर ढाण्डा सुपुत्र श्री करतार सिंह, एम.बी.बी.एस.
5. डॉ0 प्रीति ढ़ाण्डा पत्नी श्री कर्मबीर ढ़ाण्डा, एम. डी. एच. ए. यू., हिसार ।
6. कर्नल सूबे सिंह (सेवानिवृत्त) सुपुत्र श्री सरदार सिंह
7. श्री प्रेम सिंह ढ़ाण्डा सुपुत्र श्री भले सिंह ढ़ाण्डा, आई. बी. से डी. एस. पी. रिटायर्ड ।
1. श्री सतबीर सिंह नम्बरदार (9466552751)
2. मा० करतार सिंह ढ़ाण्डा (9466657642)
3. श्री कुलबीर ढ़ाण्डा (8930162744)