Dhanauri, Jind गाँव धनौरी (जीन्द)
Dhanauri, Jind गाँव धनौरी (जीन्द)
हरियाणा की हरी-भरी पावन धरती कितनी उर्वरा (उपजाऊ ) कितनी आनन्दा (आनन्द देनी वाली) है। अनादि काल से इसकी निराली छटा रही है। यह ज्ञान की गंगोत्री भी है और शौर्य की खनि भी है। यह आयुधजीवी योद्धाओं की रङ्गस्थली भी रही और स्नेहमयी सरस्वती का पावन धाम भी । यह धर्मक्षेत्र भी है और कुरुक्षेत्र (कर्मभूमि) भी । इसी कर्मभूमि हरियाणा के जिला जीन्द के अन्तिम छोर पर स्थित गांव दाता सिंह वाला जो कि जीन्द - पटियाला हाइवे पर आवासित है से कैथल रोड़ पर 5 किलोमीटर की दूरी पर यह गांव धनौरी सुरम्य स्थान पर बसा हुआ है। जिसकी गाथा बड़ी दिलचस्प है। यह अत्यन्त प्राचीन धार्मिक ऐतिहासिक गांव है। किंवदन्ती एवं बहि भाटों के वृत्तान्त अनुसार विक्रमी सम्वत् 1135 में दिल्ली से चलकर विभिन्न स्थानों पर अल्प समय का ठहराव करते हुये ढ़ाण्डा जन इसके समीप एक किलोमीटर पूर्व - उत्तर दिशा में कलौदा थेह में बस गए। यह गांव ढ़ाण्डा गोत्र का हरियाणा प्रदेश में आधार गांव कहलाता है ।
ऐतिहासिक तथ्य संकेत करते हैं कि मढ़ाढ़ खाप के 360 खेड़े थे, जिनको गांव के नाम से अभिधीत किया जाता रहा है । धनौरी गांव मढ़ाढ़ खाप के तपे का गांव है। मढ़ाढ़ खाप का सबसे बड़ा गांव व खाप का मुख्यालय कलायत में था। जहां पर दो बावनी जमीन (52+52 हजार बीघा ) थी । कलायत में राजपूत (रांगड़) जाति के लोग रहते थे। ऐसा सुना जाता है तथा बहि भाटों से भी इस तथ्य की पुष्टि होती है कि नईया रांगड़ नामक व्यक्ति ने यह गांव आबाद किया था। नईया के पांच पुत्र थे । सबसे बड़े पुत्र का नाम धन्ना था । जिसके नाम पर धनौरी गांव का नामकरण हुआ ।
रांगड़ों के व्यवहार से व्यथित होकर ढ़ाण्डा जन यहां से रोष स्वरूप पलायन कर गए। जब वे अपनी बैलगाड़ी से सामान सहित अपने गन्तव्य स्थान वराह कलां की ओर प्रस्थान कर रहे थे तो दुर्भाग्यवश एक छोटा बच्चा गाड़ी से गिरकर अपने परिजनों से बिछुड़ गया। धूल (रेत) में सना होने के कारण उसका व्योंग (उपनाम) धूलिया / धूलके पड़ गया । धन्ना रांगड़ जब उस रास्ते से गुजर रहा थ तो उसने उस बच्चे को देखा और अपने घर ले गया । जिसका उसने पालन पोषण किया जो ढ़ाण्डा गोत्र का था। लेकिन दुर्भाग्य है कि सत्यता से आँख मूंदकर गांव के कुछ व्यक्ति भ्रमवश व अज्ञानता वश धूलिया / धूलके को एक अलग गोत्र मानने का असफल प्रयास कर रहे हैं ।
अगले पड़ाव गांव बराह कलां पहुंचने पर ढ़ाण्डा परिजनों को जब बच्चे की गुमशुदगी का पता चला तो वे उसे तलाश करते हुये गांव धनौरी में पहुंचे। पता चलने पर वे धन्ना रांगड़ के पास गए तथा बच्चा वापिस लौटाने को कहा। लेकिन उसने बच्चे को वापिस देने से मना कर दिया । धन्ना ने कहा कि वह मेरा धर्म का बेटा है। मैं इसका पुत्रवत् पालन-पोषण करूंगा । इस प्रकार से उसने उसका नाम धूलिया रख दिया । उसने बच्चे के माता-पिता को आश्वस्त करते हुए यह भी कहा कि यह मेरी पैतृक सम्पत्ति का आधे भाग का उत्तराधिकारी होगा। यहीं से धनौरी गांव की तथा ढ़ाण्डा गोत्रिय जन की गाथा शुरू होती है। वर्तमान में इस गांव में ढ़ाण्डा गोत्र के 1200 घर हैं । गांव की आबादी लगभग 21 हजार है। गांव में हरचन्द और लाखन दो तरफ हैं तथा सात पत्तियां है। सात पत्तियों के सात नम्बरदार हैं जो सभी ढ़ाण्डा गोत्र के हैं । इस धनौरी गांव में भिन्न-2 देवी देवताओं के अनुमानतः 27 मन्दिर हैं। इतने पूजा स्थल संभवतः हरियाणा के किसी गांव में न होंगे धार्मिक प्रवृत्ति को संजाये हुए इस गांव के लोग हर सप्ताह भण्डारे का आयोजन करते हैं। गांव से निकलने वाले हर रास्ते पर ग्रामवासी आने जाने वाले सभी राहगीरों को हलवे का प्रसाद वितरित कर पुण्य के भागी बनते हैं। यह प्रथा शायद ही हरियाणा के किसी गांव में हो। इस गांव में आदर्श गांव वाली सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। सभी धर्म, सम्प्रदाय व जातियों में परस्पर स्नेह, सौहार्द, भाईचारा सुदृढ़ है। किंवदन्ती अनुसार सरस्वती नदी यहां से होकर बहती थी । यही कारण है यहां का पानी मधुर है ।
1. श्री बलबीर सिंह ढ़ाण्डा, प्रधान धनौरी तपा ।
2. मधुकर ढ़ाण्डा HE S सुपुत्र शिशुराम प्रिंसीपल सेवानिवृत्त ।
3. जगदीप H.C.S सुपुत्र जयलाल पूर्व सरपंच ।
4. नरेन्द्र विद्यालंकार सुपुत्र श्री भालीराम पूर्व सदस्य लोकसेवा आयोग हरियाणा ।
5. श्रीमती सुनील धर्मपत्नी श्री नरेन्द्र विद्यालंकार ।
6. अन्नु सिंह सुपुत्री श्री नरेन्द्र विद्यालंकार, एल.एल.बी., एल.एल.एम. ।
7. श्री जयलाल ढ़ाण्डा सुपुत्र अमर सिंह ढ़ाण्डा वकील एवं पूर्व सरपंच ।
8. श्रीमती शान्ति देवी ढ़ाण्डा धर्मपत्नी श्री जयलाल ढ़ाण्डा, आदर्श गृहिणी ।
9. अनुराग ढ़ाण्डा सुपुत्र मधुकर ढ़ाण्डा राष्ट्रीय संवाददाता ।
10. श्रीमती प्राञ्जल ढ़ाण्डा धर्मपत्नी श्री जगदीप ढ़ाण्डा ।
11. श्री प्रदीप ढ़ाण्डा सुपुत्र श्री जयलाल ढ़ाण्डा ए.डी.ए (सरकारी)
12. श्रीमती सुमन ढ़ाण्डा धर्मपत्नी श्री प्रदीप ढ़ाण्डा, एम. बी. एड ।
13. सविता ढ़ाण्डा सुपत्री श्री जयलाल ढ़ाण्डा, सहायक खजाना, अधिकारी
14. कविता ढ़ाण्डा सुपुत्री श्री जयलाल ढ़ाण्डा, एम. ए. एम.फिल (अंग्रेजी) स्कूल लेक्चरर ।
15. स्व: नेकी भगत पहलवान पुत्र जवाहरा ढ़ाण्डा ।
16. स्व: पिरथी ढाण्डा पुत्र अमर सिंह राष्ट्रीय एथैलेटिक में ऊँची कूद 6.1 ईच रिकार्ड ।
17. वेदपाल ढ़ाण्डा पुत्र हरीराम ढ़ाण्डा खेल कबड्डी ।
18. मंजीत कौर पुत्री प्रेम सिंह ढ़ाण्डा राष्ट्रीय एथलिट में गोल्ड मेडल ।
19. प्रमिला पुत्री बलबीर सिंह ढ़ाण्डा खो-खो गेम्स खानपुर दूसरी पोजिशन गुरमीत कौर पुत्री बलबीर सिंह ढाडा जूडो दूसरी पोजिशन ।
20. खुशी पुत्री राजेश ढांडा 2016 बास्केट बॉल दूसरी पोजिशन ।
21. उज्ज्वल पुत्र रामपाल ढ़ाण्डा 2017 बास्केट बॉल दूसरी पोजिशन ।
22. श्रीया ढ़ाण्डा पुत्री श्री जगदीप ढांडा H.C.S (all India Rank 1st in National Geography olympic in 2017-18) गोल्ड मेडल ।
23. प्रदीप कुमार ढ़ाण्डा पुत्र बलबीर सिंह ढ़ाण्डा पुत्र कर्म सिंह ढ़ाण्डा अंडर 19 राष्ट्रीय फुटबॉल गेम्स रोहतक 2013-14 तीसरी पोजिशन ।
24. राकेश पुत्र कुलदीप ढ़ाण्डा हैण्डबॉल 2012-13 तीसरी पोजिशन ।
25. प्रियंका सुपुत्री कुलदीप ढ़ाण्डा राष्ट्रीय स्कूल गेम्स 2017 गोल्ड मेडल
26. गुरमेल कौर पुत्री राम निवास ढ़ाण्डा भीम अर्वाड खिलाडी हेडबॉल राज्यपाल कप्लान सिंह सोलकी द्वारा सम्मानित 2014-15।
27. गुरनाम सिंह पुत्र बलजीत सिंह ढ़ाण्डा अंर्तराष्ट्रीय जूडो गोल्ड मेडल
28. सुरेन्द्र ऊर्फ काला पुत्र गोपीराम ढ़ाण्डा अंतर्राष्ट्रीय गेम्स कबड्डी पाकिस्तान दूसरी पोजिशन सिल्वर मेडल ।
29. नीतू उर्फ टीटा पुत्र ईश्वर ढांडा अंतर्राष्ट्रीय गेम्स कबड्डी पाकिस्तान दुसरी पोजिशन सिल्वर मेडल ।
30. सुनील पुत्र बलकार ढांडा अंतर्राष्ट्रीय नेशनल गेम्स कबड्डी इंडोनेपाल ।
31. कुमारी डिम्पल सुपुत्री रणधीर सिंह ढ़ाण्डा अंतर्राष्ट्रीय जूडो गेम्स ।
32. नरेश कुमार पुत्र रणधीर सिंह ढ़ाण्डा अंतर्राष्ट्रीय जूडो गेम्स ।
33. रमेश कुमार ढ़ाण्डा सुपुत्र जगदीश ढ़ाण्डा लोक गायक आकाशवाणी रोहतक ।
34. अनिल कुमार ढ़ाण्डा पुत्र हवा सिंह ढांडा हरियाणवी कलाकार
35. रणधीर सिंह एडवोकेट पूर्व सरपंच धनौरी एवं समाज सेवी
36. कविता ढ़ाण्डा एम. एसी. मैथस दिल्ली विश्वविद्यालय नैट और जै. आर. एफ. पास।
37. सोनिया ढ़ाण्डा सुपुत्री श्री जयपाल ढ़ाण्डा एम. बी. बी. एस यूक्रेन देश में सेवारत
38. श्री अकुंश पुत्र श्री नरेन्द्र विद्यालंकार ।
39. श्री मनुराग ढ़ाण्डा सुपुत्र श्री मधुकर ढ़ाण्डा इंजीनियर सिडनी आस्ट्रेलिया ।
40. श्रीमती दीपिका मान ढ़ाण्डा सुपुत्री श्री मधुकर ढ़ाण्डा विश्व स्तरीय हैण्डविंग रैस्टींग की रेसर ।
41. श्रीमती कुसुमलता पत्नी श्री मधुकर ढाण्डा सेवानिवृत्त डिप्टी डी०ई०ओ० ।42. स्वर्गीय शंकर ढाण्डा
43. स्वर्गीय नेकी भगत अपने समय के माने जाने पहलवान थे ।
44. श्री पिरथी सिंह ढ़ाण्डा पुत्र श्री अमर सिंह ढ़ाण्डा ने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में सन् 1959-60 में आयोजित एथलिट मिट में हाई ग्रुप में सिल्वर मैडल लिया ।
45. श्री वेदपाल ढ़ाण्डा पुत्र श्री हरिराम ढ़ाण्डा ने सर्कल कबड्डी में ऑल इण्डिया इंटर यूनिवर्सिटी प्रतियोगिता में गोल्ड मैडल लिया।
गाँव धनौरी में स्वतन्त्रता के बाद चुनाव प्रक्रिया के तहत तीसरी पंचवर्षीय योजना में श्री रतिराम सरपंच चुना गया जो कि सरपंच चुनने से पहले गाँव व गुहांड के बच्चों को रात को मुफ्त पढ़ाते थे तथा विकास कार्यों में लगन से कार्य करते थे । पुनः चौथी योजना में फिर सरपंच चुने गये। इनके बाद संगतराम दो बार सरपंच चुना गया फिर इन्द्रसिंह की माता निम्बो देवी सरपंच चुनी गई तथा इससे पहले श्री रणधीर सिंह निर्विरोध सरपंच चुना गया तथा अजमेर सिंह और दिलबाग सिंह भी ढ़ाण्डा गोत्र से ही सरपंच चुने गये।
अब निवर्तमान सरपंच राजेन्द्र सिंह है जो कि युवा सरपंच है। इसके दौरान वर्ष 1983-84 में श्री जयलाल एडवोकेट सरपंच चुने गये। कुमारी सोनिया पुत्री जयपाल (बाला) ने एम.बी.बी.एस. करके गांव का नाम रोशन किया है। जो कि डॉक्टरी विभाग में पहली लड़की है।
1 श्री जयलाल पूर्व सरपंच 9416485645
2 श्री बलबीर ढांडा प्रधान 9816853790
3 श्री मेवा सिंह 8929301100
4. श्री राम कुमार 9467565700
5. श्री रमेश 9812462123